अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. दीपा सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुलदीप सिंह, उपमुख्य चिकित्साधिकारी तथा जिला कारागार के अधिकारियों ने जिला कारागार रामपुर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जेल डिस्पेंसरी में जीवन रक्षक दवाएँ एवं आवश्यक उपकरण पूर्ण रूप से उपलब्ध पाए गए। वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. मो. उस्मान तथा फार्मासिस्ट ड्यूटी पर उपस्थित मिले। ओपीडी में 30 बंदियों का उपचार किया जा चुका था। इसके अलावा 20 नए बंदी अपनी नियमित चिकित्सा जांच और उपचार हेतु उपस्थित हुए। चिकित्सालय वार्ड में 14 बंदी रोगी भर्ती पाए गए।
मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा रोगियों की स्थिति के संबंध में जानकारी प्राप्त करने पर डॉ. मो. उस्मान ने बताया कि प्रत्येक बंदी की एचआईवी, वीडीआरएल सहित सभी नियमित जांचें की जाती हैं। वर्तमान में 15 एचआईवी संक्रमित बंदियों का उपचार जिला चिकित्सालय के माध्यम से नियमित रूप से किया जा रहा है। टीबी के 5 रोगी चिन्हित हैं, जिनका समुचित उपचार किया जा रहा है।
महिला बैरक के निरीक्षण में दो महिला बंदी श्रीमती मालती (3 माह गर्भवती) एवं श्रीमती सुहानी (6 माह गर्भवती) पाई गईं। दोनों की जिला महिला चिकित्सालय में सभी आवश्यक जांचें एवं टीकाकरण पूर्ण हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि भोजन नियमित रूप से उपलब्ध हो रहा है। महिला बंदियों की स्वास्थ्य देखभाल हेतु सप्ताह में दो बार महिला चिकित्साधिकारी डॉ. हुमा परवीन द्वारा नियमित जांच एवं उपचार किया जाता है।
जेल चिकित्सालय की साफ-सफाई व्यवस्था संतोषजनक पाई गई। मुख्य चिकित्साधिकारी ने चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिए कि बंदी रोगियों के साथ संवेदनशील व्यवहार सुनिश्चित करें तथा शीतलहरी के दौरान उत्पन्न होने वाली बीमारियों की रोकथाम हेतु आवश्यक दवाओं एवं उपकरणों की उपलब्धता बनाए रखें, ताकि बंदियों के स्वास्थ्य की प्रभावी सुरक्षा की जा सके।
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