समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत राजकीय आश्रम पद्धति के निकट मैदान में आयोजित भव्य सामूहिक विवाह समारोह में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर कुल 850 नवदंपत्तियों का पूर्ण विधि-विधान के साथ विवाह संपन्न कराया गया।
कार्यक्रम में राज्य पिछड़ा वर्ग उपाध्यक्ष सूर्या प्रकाश पाल, राज्य महिला आयोग की सदस्या सुनीता सैनी, जिला सहकारी बैंक चेयरमैन मोहन लाल सैनी, जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी, पुलिस अधीक्षक विद्या सागर मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी गुलाब चन्द्र सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने सभी नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान किया और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
अपने संबोधन में राज्य पिछड़ा वर्ग उपाध्यक्ष सूर्या प्रकाश पाल ने कहा कि यह समारोह उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों के विवाह में सहयोग प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना ने सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने और पात्र परिवारों को सम्मान के साथ आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन मोहन लाल सैनी ने कहा कि सभी नवदंपत्तियों का जीवन सुखमय और समृद्ध रहे। उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह कार्यक्रम आपसी सद्भाव और एकता को बढ़ावा देता है तथा इस योजना के माध्यम से गरीब परिवारों की बेटियों का विवाह धूमधाम और गरिमा के साथ संपन्न कराया जा रहा है, जो अत्यंत सराहनीय पहल है।
जिलाधिकारी ने कहा कि यह योजना प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, जिसके तहत निम्न अर्थव्यवस्था वाले परिवार की बेटियों का विवाह सम्पन्न कराया जाता है। उन्होंने बताया कि योजना को और अधिक पारदर्शी ढंग से लागू करने के लिए और पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ दिलाने के लिए विभाग द्वारा बायोमैट्रिक प्रक्रिया प्रारंभ की गई है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी सूरज कुमारी ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में शासन से प्रत्येक जोड़े के विवाह पर 01लाख रुपये व्यय करने की व्यवस्था की गई है। गृहस्थी की स्थापना के लिए 60000 रुपये कन्या के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी, 25000 रुपये की धनराशि का विभिन्न प्रकार के समान, आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए और 15000 रुपये की धनराशि को आयोजन खर्च के रूप में शामिल किया गया है।
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