मिलक में चचेरी बहन को स्कूल छोड़ने जा रही स्कूटी सवार युवती की ट्रैक्टर ट्रॉली से कुचलकर दर्दनाक मौत हो गयी। मौत की खबर से घर मे कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। युवती की मौत से मिलक के शिक्षा जगत में गम का माहौल है। घटना नगर के हाइवे स्थित नवीन कृषि मंडी की है। नगर के मोहल्ला असदुल्लापुर निवासी पंकज गुप्ता अपनी बोलोरो पिकअप से बरेली से मुरादाबाद तक अखबार बाटने का काम करते हैं। बुधवार की सुबह 8 पंकज गुप्ता की 22 बर्षीय भतीजी रौनक गुप्ता स्कूटी से अपनी चचेरी मासूम बहन को भल्ला कालौनी से लैडर लर्निंग स्कूल छोड़ने जा रही थी। जैसे ही वह मंडी के द्वार पर पहुंची तो धान से लदी ट्रैक्टर ट्रॉली ने उसकी स्कूटी में टक्कर मार दी जिस कारण रौनक ट्रैक्टर के पिछले पहिये के नीचे दब गयी और ट्रैक्टर उसे कुचलता हुआ मंडी के अंदर चला गया। मौके पर जमा भीड़ ने देखा तो उसकी मौके पर ही मौत हो चुकी थी। सूचना पर पहुंचे परिजन उसे मिलक के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टर ने रौनक को मृत घोषित कर दिया। अस्पताल पहुंची महिलाओं ने चीख पुकार शुरू कर दी। घटना की सूचना पुलिस को दी गयी। अस्पताल पहुंची पुलिस ने शव को देखा फिर घटना स्थल का जायजा लिया। लेकिन ट्रैक्टर चालक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका। उसके बाद पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। चूंकि रौनक नगर के आरकेआई स्कूल में शिक्षण कार्य करती थी। इसलिए शिक्षिका की दुखद मौत पर नगर के स्कूलों में मातम छा गया। नगर के सभी स्कूलों में शोक व्यक्त किया गया तथा मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गयी। शाम पांच बजे पोस्टमार्टम होकर लौटे शव का परिजनों ने नम आंखों से अंतिम संस्कार कर दिया।
20 साल पहले छूट गया था माता-पिता का साया
सड़क हादसे में हुयी रौनक की दर्दनाक मौत से सभी स्तब्ध हैं। रौनक के जन्म लेने के दो साल बाद ही उसके पिता नीरज की भी सड़क हादसे में मौत हो गयी थी। उसी दौरान उसकी माँ भी उसे छोड़कर अपने मायके चली गयी। जिस कारण बचपन मे ही उसके सिर से माता-पिता का साया उठ गया। 2 साल की मासूम बच्ची को उसकी दादी और दोनों चाचा ने बहुत ही लाड़ प्यार से पाला था। दादी और चाचा-चाची ने कभी भी उसे माता-पिता की कमी महसूस नहीं होने दी। सभी ने उसका बहुत अच्छे से पालन पोषण किया। चूंकि उसकी रुचि टीचर बनने की थी इसलिए स्नातक की पढ़ाई कराने के बाद उसका एडमिशन बीटीसी कोर्स में करवाया था। यह उसका पहला बर्ष था।
ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रॉली बन रहे हादसों का सबब
कृषि कार्यों में काम आने बाले ट्रैक्टर ट्रॉली आजकल खेती के कार्य में कम तथा व्यापार के काम में ज्यादा उपयोग में लाये जा रहे हैं। वर्तमान में धान की फसल किसान मंडी में बेच रहे हैं। लेकिन मंडी के आढ़ती ट्रकों की बजाय ट्रैक्टर ट्रॉलीओं से धान की बोरियों को मीलों तक पहुंचा रहे हैं। अगर सूत्रों की माने तो बिना मंडी पास के प्रतिदिन 50 से ज्यादा ट्रैक्टर ट्राली रात में ओवरलोड धान की बोरियों को लादकर सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं। ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रॉली अनियंत्रित व डगमगाते होते हुए मंजिल तक पहुंचते हैं। जिस कारण सड़कों पर हादसे बढ़ते जा रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ओवरलोड धान से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली ने हाइवे स्थित जलिफ़ नगला पर एक बाइक सवार इंजीनियर को टक्कर मार दी थी जिसकी मौके पर ही मौत हो गयी थी। इस दौरान ट्रैक्टर ट्रॉली को लेकर मृतक के परिजनों ने कई घंटे तक अस्पताल व कोतवाली में हंगामा काटा था।
मंडी के सामने स्थित धर्मकांटा बनता है जाम का कारण
मंडी के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से मंडी के अंदर स्थित धर्मकांटा ज्यादातर खराब ही रहता। किसान मजबूरी में अपने धान की तौल मंडी के सामने स्थित धर्मकांटे पर ही करवाते हैं। जिस कारण हाइवे पर ट्रैक्टर ट्रॉलीओं की लंबी कतार लग जाती है तथा शाम तक हाइवे जाम की गिरफ्त में रहता है। जाम की बजह से बाइक व कार सवार हादसों का शिकार हो जाते हैं जबकि रोडवेज की बसें घंटों जाम में फंसी रहती हैं। जिससे रोडवेज में यात्रा करने बाले यात्रियों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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