सोमवार को विभिन्न शिक्षक संगठनों के बैनर तले रामपुर के तमाम शिक्षक कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां शिक्षकों ने टीईटी की अनिवार्यता के विरोध में जिलाधिकारी कार्यलय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। देश के प्रधानमंत्री व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी जोगिंदर को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि भारत सरकार के राजपत्र सं0 39 दिनांक 27 अगस्त 2009 के द्वारा निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 लागू किया गया है। इस अधिनियम की धारा 23 में ही शिक्षकों की भर्ती / नियुक्ति हेतु न्यूनतम अर्हतायें निर्धारित की गई हैं। इस अधिनियम में ही धारा 23(1) व 23(2) के तहत ही कक्षा 1 से 8 में अध्यापक के रूप में नियुक्ति की पात्रता हेतु न्यूनतम योग्यता निर्धारित की गई है।
इस अधिसूचना की तिथि से पूर्व कक्षा 1 से 8 के लिये नियुक्त शिक्षकों को निर्धारित न्यूनतम योग्यता हासिल करने की आवश्यक्ता नहीं है, यह इस अधिनियम में स्पष्टतः उल्लिखित है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा उपरोक्त राजपत्र, निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 23 की उपधारा (1) के अन्तर्गत जारी किया गया है। जिसके पैरा (1), (2), (3) के द्वारा 25 अगस्त 2010 व उसके बाद नियुक्त शिक्षकों हेतु न्यूनतम योग्यता निर्धारित की गई है। जबकि इसी राजपत्र के पैरा (4) में स्पष्ट उल्लिखित है कि इस राजपत्र / अधिसूचना की तिथि 25 अगस्त 2010 से पहले नियुक्त शिक्षक को इस राजपत्र के पैरा (1) में निर्धारित न्यूनतम योग्यता हासिल करने की आवश्यक्ता नहीं है।
भारत का राजपत्र संख्या 158 दिनांक 02 अगस्त 2011 द्वारा भारत के राजपत्र सं0 215 दिनांक 25 अगस्त 2010 के पैरा (1) के उप पैरा (1), उप पैरा (2), पैरा (3), पैरा (5) में संशोधन किया गया है, जबकि मूल अधिसूचना के पैरा (4) में कोई संशोधन नहीं किया गया है।
उपरोक्त से स्पष्ट है कि निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 23 की उपधारा (1) के अन्तर्गत मूल अधिसूचना दिनांक 25 अगस्त 2010 के पैरा (4) के अनुसार 25 अगस्त 2010 के पूर्व नियुक्त अध्यापकों को सेवारत रहने अथवा पदोन्नति प्राप्त करने हेतु इस अधिसूचना के पैरा (1) में निर्धारित न्यूनतम योग्यता हासिल करने की कोई आवश्यक्ता नहीं है।
दिनांक 01 सितम्बर 2025 को माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह आदेश दिया गया है कि जो भी शिक्षक टी0ई0टी0 उत्तीर्ण नहीं है यदि उनकी सेवा में 5 वर्ष से अधिक शेष है तो उन्हें 2 वर्ष के भीतर टी0ई0टी0 उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा, अन्यथा उन्हें प्रतिकूल परिस्थिति का सामना करना पड़ेगा। इस आदेश से पूरे देश के लाखों शिक्षकों के समक्ष आजीविका का संकट उत्पन्न होने का भय व्याप्त हो गया है। एवं कुछ शिक्षक मानसिक अवसादग्रस्त होकर असमय काल के गाल में भी समा गये हैं।
निवेदन किया गया है कि उक्त मामले में हस्तक्षेप कर अधिनियम में आवश्यक संसोधन कर शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 लागू होने से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टी0ई0टी0 की अनिवार्यता से मुक्त रखा जाये। ज्ञापन सौंपने बालों में एस.सी/एस.टी बेसिक टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन, रामपुर के जिलाध्यक्ष राम बहादुर गौतम,अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलामंत्री आनंद प्रकाश गुप्ता, जिलाध्यक्ष कैलाश पटेल, उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डॉ0 राजवीर सिंह, महामंत्री अंजुम स्नेही सक्सेना, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष रवेन्द्र गंगवार, महामंत्री भूपेंद्र कुमार, अटेवा के जिलाध्यक्ष दिगपाल गंगवार, यूटा की जिलाध्यक्ष हेमलता, महामंत्री रामचंद्र गौतम,प्रीती, रश्मि, मीनाक्षी, सुषमा, प्रेम चंद,सुनील कुमार, रमेश पाल सिंह,दिलशाद वारसी, हरीश गौतम, अशोक कुमार, सतपाल सिंह, कुलभूषण गौतम,चमन सिंह गौतम, दिनेश कुमार, डॉ. राजेश कुमार, जंगबहादुर,सरदीप गौतम,मुनेन्द्र पाल सिंह, प्रवेश कुमार चंचल, शीशपाल, ओमप्रकाश, जबर सिंह,फायज़ा ज़ुबैर,रामवती, सुभाष राठौड़, राकेश कुमार, विनोद कुमार, राजेश खन्ना, आरती भारद्वाज, गायत्री गंगवार, धर्मवीर सिंह, जगदीश सरन, मौ. रिजवान, सलीम अहमद, राजाराम,धन सिंह, विजय कुमार, उमा रानी, अंजुला कुमारी, कृष्णा राजपूत, ख़ादिम अली, फरहा अख्तर, पुष्पेंद्र कुमार, नीतू आनंद, धर्मेंद्र सिंह, मेहविश ज़माल,विजय लक्ष्मी अब्दुल रऊफ, नाज़मा खातून, रजनी कुमारी, जगऔतार, सिद्धार्थ , अनिल कुमार, ज्ञानप्रकाश गौतम,कन्धई लाल, महेंद्र पाल सिंह आदि उपस्थित रहे।
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