अध्यापन के साथ बच्चों में संस्कार रोपण , सृजनात्मक शक्तियों का विकास और भारतीय संस्कृति में छिपी वैज्ञानिकता का वोध करना शिक्षक का दायित्व है।शिक्षक को गुरु रुप में बच्चों की अज्ञानता रुपी तिमिर को दूर कर परा व अपरा विद्या के ज्ञान से प्रकाशित कराना चाहिए।उक्त विचार प्रकाश इण्टर कालेज, मिलक के संस्थापक व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.चन्द्रप्रकाश शर्मा ने विद्यालय में आयोजित शिक्षक दिवस पर बच्चों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये।इस अवसर पर बच्चों ने अपने कक्षाकक्ष को गुब्बारों व फूल_पत्तियों से सुसज्जित किया तथा शिक्षकों को अपने कमरे में ले जाकर चरणस्पर्श कर व उद्घोष कर भारतीय संस्कृति का परिचय दिया तथा ग्रीटिंग कार्ड,पेन, अपने द्वारा निर्मित उपहार भेंटकर अभिनन्दन व सम्मान किया। इस अवसर पर विद्यालय के छात्र मोहित द्वारा अपने हाथों से निर्मित सुन्दर भवन की अनुकृति भेंट करने की सभी ने सराहना की। संस्थापक डॉ.चन्द्रप्रकाश शर्मा ने विद्यालय के सभी शिक्षक व शिक्षिकाओं को उपहार देकर सम्मानित किया। छात्राओं का निर्देशन शिक्षिका कु.फायमा व कु. संजोग और छात्रों को सुरेश कुमार व श्रीपाल ने निर्देशित किया। प्रधानाचार्य मनीराम ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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