रामपुर। मोहर्रम की सातवीं तारीख पर हज़रत कासिम की शहादत की याद में परंपरागत मेहंदी का जुलूस नगर के तोपखाना से निकाला गया। यह जुलूस राजद्वारा, राहे रज़ा और राहे जुल्फिकार होते हुए कड़ी सुरक्षा के बीच इमामबाड़ा खासबाग पहुंचा, जहां मेहंदी को सलामी दी गई। 📿🚩
जुलूस में अंजुमनों ने नोहा ख्वानी की और गम व श्रद्धा से भरे अशआर पढ़े गए –
“हर दिल में ग़म ओ दर्द की बुनियाद रहेगी, कासिम तेरे मरने की अदा याद रहेगी।”
“हुसैन आप सा दुनिया में आ सका न कोई, मकाम आप सा दुनिया में पा सका न कोई।” 💔📜
इमामबाड़ा खासबाग में मौलाना सैयद फैज़ अब्बास मशहदी ने मजलिस को खिताब करते हुए सात मोहर्रम की फज़ीलत पर रोशनी डाली। 🕯️📖
इस अवसर पर पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां और मुतवल्ली औक़ाफ़ नवाबज़ादा हैदर अली खां उर्फ हमजा मियां ने परचम संभालते हुए जुलूस का नेतृत्व किया। 📸✊
इस आयोजन में बड़ी संख्या में शिया समुदाय के लोग मौजूद रहे। प्रमुख व्यक्तियों में काशिफ खां (पीआरओ), सुहेल मियां, शबाब हुसैन, तस्लीम हुसैन, अहतेशाम सहरी, रिज़वान हुसैन, स्वाले महमूद, हसन मेहंदी, इफ्तेखार महमूद, मोहसिन मिक्की, फैसल रिज़वी, शान ज़ैदी, मौलाना अर्शी, मंसूर हुसैन, इमरान हुसैन, राज हुसैन आदि उपस्थित रहे। 🙏🖤
📌 मुख्य बिंदु:
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सात मोहर्रम को हज़रत कासिम की शहादत की याद में निकला मेहंदी का जुलूस
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इमामबाड़ा खासबाग में मेहंदी को सलामी और मजलिस का आयोजन
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नवेद मियां और हमजा मियां ने परचम संभालकर दिया नेतृत्व
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शिया समुदाय की गहन भागीदारी और सुरक्षा के विशेष प्रबंध ✅🔐
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🧠 FAQs (in English):
Q1: What is the significance of the Mehndi Juloos in Rampur on 7th Moharram?
A1: The procession commemorates the martyrdom of Hazrat Qasim, symbolizing his wedding mehndi before the battle of Karbala.
Q2: Who led the Mehndi procession in Rampur this year?
A2: Former minister Nawab Kazim Ali Khan (Naved Miyan) and Mutawalli Hamza Miyan carried the flag and led the procession.
📊 Public Poll:
क्या आप मानते हैं कि इस प्रकार के धार्मिक जुलूस समाज में एकता और परंपरा की भावना को मजबूत करते हैं?
✅ हाँ, यह हमारी विरासत का हिस्सा हैं
❌ नहीं, ये केवल धार्मिक आयोजन हैं
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