रामपुर। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 16 जून 2025 को जारी प्राथमिक विद्यालय मर्जर आदेश के खिलाफ मंगलवार को आम आदमी पार्टी ने रामपुर में जोरदार प्रदर्शन किया। पार्टी का कहना है कि यह आदेश न सिर्फ शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE Act) का उल्लंघन करता है, बल्कि लाखों बच्चों के भविष्य को खतरे में डालता है। 📜⚠️
पार्टी कार्यकर्ता बरेली गेट स्थित जिला कार्यालय से पैदल मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट की ओर बढ़े, लेकिन पुलिस ने उन्हें नैनीताल हाइवे पर रोक दिया। इस दौरान जमकर नारेबाज़ी हुई। मौके पर पहुंचे अपर एसडीएम हर्ष वर्धन को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया। 🛑📣
📌 क्या है मर्जर आदेश?
16 जून 2025 को बेसिक शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी किया, जिसके तहत कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक विद्यालयों को पास के बड़े स्कूलों में मर्ज कर बंद किया जाएगा। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि यह आदेश बिना न्यूनतम या अधिकतम छात्र संख्या तय किए लागू किया गया है, जिससे प्रशासन को स्कूल बंद करने की खुली छूट मिल गई है। 🏫🚫
📉 कानून का उल्लंघन और शिक्षा पर चोट
RTE (Right to Education) Act की धारा 4 के अनुसार, हर बच्चे के लिए 1 किलोमीटर के दायरे में स्कूल होना अनिवार्य है। आम आदमी पार्टी ने कहा कि यह नियम केवल संसद द्वारा बदला जा सकता है, किसी शासनादेश द्वारा नहीं। ऐसे में यह मर्जर आदेश सीधे-सीधे RTE का उल्लंघन है। ⚖️📚
इस आदेश के कारण न केवल 27,000 विद्यालयों पर ताले लग सकते हैं, बल्कि वहां नियुक्त हजारों शिक्षक और सहायक स्टाफ भी बेरोजगार हो सकते हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अगर सरकार को स्कूलों की गुणवत्ता सुधारनी है, तो सुविधाएं बढ़ाए, न कि दरवाजे बंद करे। 🚪✋
📉 आंकड़े और विरोधाभास
आम आदमी पार्टी ने सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए बताया कि 2024 में प्रदेश में 27308 शराब की दुकानें खोली गईं, जबकि उसी दौरान हजारों स्कूल बंद किए गए। अब और 27000 स्कूल बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है। सवाल यह उठता है—“पाठशाला चाहिए या मधुशाला?” 🍷📘
📢 आम आदमी पार्टी की माँगें:
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मर्जर आदेश तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।
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RTE अधिनियम के प्रावधानों का पालन किया जाए।
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हर एक किलोमीटर में स्कूल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
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बच्चों के हक में शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने की बजाय सुधार किया जाए।
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दिल्ली और पंजाब की तरह सरकारी स्कूलों को विश्वस्तरीय बनाया जाए।
मर्जर आदेश तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।
RTE अधिनियम के प्रावधानों का पालन किया जाए।
हर एक किलोमीटर में स्कूल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
बच्चों के हक में शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने की बजाय सुधार किया जाए।
दिल्ली और पंजाब की तरह सरकारी स्कूलों को विश्वस्तरीय बनाया जाए।
आम आदमी पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने यह फैसला नहीं बदला तो वह पूरे प्रदेश में बच्चों के अधिकारों के लिए आंदोलन करेगी। 🧒🧾🗣️
इस विरोध में प्रदेश अध्यक्ष जनक प्रसाद, ज़िला अध्यक्ष अंसार अहमद, और सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे जिन्होंने मर्जर आदेश को "शिक्षा विरोधी" बताया। 💬👥
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FAQs (English)
❓ Q1: What is the controversy about the school merger order in UP?
A: The UP government's order to merge and close down primary schools with low enrollment has triggered backlash, as it allegedly violates RTE norms and affects accessibility.
❓ Q2: Why is AAP opposing this move?
A: AAP claims this order threatens the education of thousands of children, leads to staff layoffs, and bypasses RTE laws requiring a school within one kilometer of each habitation.
🗳️ Poll (जनता की राय)
क्या आप स्कूल मर्जर आदेश का समर्थन करते हैं?
✅ नहीं, यह बच्चों के अधिकारों के खिलाफ है
❌ हां, प्रशासनिक खर्च कम होंगे
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