Article : सरकार की नीतियाँ, शिक्षा का गला घोंट रही: उमेश दुबे 📚🚫


उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा हाल ही में 5000 प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों को बंद कर अन्य स्कूलों में विलय करने का निर्णय गरीब, वंचित और ग्रामीण छात्रों पर सीधा हमला है। यह कदम शिक्षा को सुलभ बनाने के संवैधानिक संकल्प के विरुद्ध है। 🏘️📖
ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे पास के सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। स्कूलों के बंद होने से उन्हें दूर के विद्यालयों में जाना पड़ेगा, जिससे आवागमन, सुरक्षा और सामाजिक परिस्थितियों के कारण कई अभिभावक, विशेषकर अपनी बेटियों को स्कूल भेजना बंद कर देंगे। यह निर्णय 'बेटी पढ़ाओ' नारे के विपरीत है और लड़कियों की शिक्षा पर गहरा असर डालेगा। 👧🎒
विद्यालयों के विलय के साथ ही, मिड डे मील योजना के तहत काम कर रही हजारों महिला रसोइयों की सेवाएँ समाप्त कर दी गई हैं। वर्षों से न्यूनतम मानदेय पर काम कर रही इन महिलाओं को बिना किसी विकल्प के बाहर कर देना, उनकी आजीविका पर सीधा प्रहार है। यह सरकार की गरीबों और कामकाजी महिलाओं के प्रति असंवेदनशीलता दर्शाता है। 👩‍🍳💔
शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करने का यह सिलसिला यहीं नहीं रुकता। प्रशिक्षित बीटीसी और बीएड डिग्रीधारी लाखों युवा नियुक्ति का सपना देख रहे थे, लेकिन सरकार ने पहले तो भर्ती प्रक्रिया लंबित रखी और अब स्कूल ही बंद कर दिए। इससे लाखों युवाओं का भविष्य अधर में लटक गया है। 🎓🛣️
सरकारी स्कूलों के बंद होने से शिक्षा पूरी तरह निजी हाथों में जा रही है। निजी स्कूलों में भारी फीस, किताबें, यूनिफॉर्म, ट्रांसपोर्ट और डोनेशन के नाम पर लूट मची है, जिससे गरीब मजदूर या किसान का बच्चा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित रह जाएगा। इसे गरीबों के बच्चों को शिक्षा से दूर करने और शिक्षा को व्यापार बनाने की एक सोची-समझी साजिश बताया जा रहा है। 💸🏫
यह सब ऐसे प्रदेश में हो रहा है जहाँ करोड़ों युवा नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं। शिक्षा के अवसरों को कम करके, स्कूलों को बंद करके, शिक्षकों की भर्ती रोककर और शिक्षा बजट में कटौती करके, प्रदेश सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह केवल पूंजीपतियों और निजी संस्थानों की सरकार है। ⛔📉
इन फैसलों का विरोध होना चाहिए, क्योंकि यह केवल शिक्षा का नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और संविधान की आत्मा का प्रश्न है। अगर आज चुप रहे, तो आने वाली पीढ़ियाँ शिक्षा से वंचित रह जाएंगी, और बिना शिक्षा के कोई भी समाज आगे नहीं बढ़ सकता। ✊💡
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FAQ related to news:
Q1: What is the main concern raised by Umesh Dubey regarding the UP government's education policy?
A1: Umesh Dubey expresses concern that the UP government's decision to close and merge 5000 primary and junior schools will directly harm poor, deprived, and rural students, making education less accessible and going against the constitutional right to education.
Q2: How does the policy impact women and youth?
A2: The policy directly affects thousands of women working as mid-day meal cooks, who have been terminated without alternatives, impacting their livelihoods. For youth, it dashes the hopes of trained BTC and B.Ed degree holders for appointments, pushing their future into uncertainty due to halted recruitment and school closures.

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